Dussehra 2024: जालंधर में दशहरे का इतिहास और विशेष आयोजन
Dussehra 2024: दशहरा भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो न केवल रामायण के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है। जालंधर, जो सिद्ध शक्ति पीठ मां त्रिपुरमालिनी धाम का पवित्र स्थल है, में दशहरे का उत्सव सौ वर्षों से अधिक पुराना है। इस वर्ष, जालंधर में दशहरा मनाने के कई महत्वपूर्ण आयोजन हो रहे हैं, जिनमें से कुछ का विशेष महत्व है।
जालंधर में दशहरे का इतिहास
जालंधर में दशहरा समारोह का इतिहास 146 वर्षों पुराना है। श्री रामलीला समिति मंदिर नौहरीयान द्वारा Burlton Park में आयोजित होने वाला यह समारोह शहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह कार्यक्रम न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह सांस्कृतिक एकता और समुदाय के सहयोग का प्रतीक भी है। ब्रिटिश शासन के दौरान, लॉर्ड बर्टन भी इस समारोह में भाग लेते थे, जो इस त्योहार की ऐतिहासिकता को दर्शाता है।
दवाओं के खिलाफ संदेश
इस वर्ष, श्री महाकाली मंदिर दशहरा समिति द्वारा साईं दास स्कूल के मैदान में आयोजित होने वाले दशहरा उत्सव में एक विशेष पहल की जा रही है। इस बार, रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद की 100 फुट ऊँची मूर्तियों के साथ-साथ, नशे के खिलाफ एक प्रतीकात्मक पहल के रूप में नशे का पुतला भी जलाया जाएगा। समिति के आजीवन अध्यक्ष तरसेम कपूर के अनुसार, यह कदम समाज को भारतीय परंपरा से जोड़ने और सकारात्मक संदेश देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
प्रमुख आयोजनों की जानकारी
146वां दशहरा समारोह
श्री रामलीला समिति का 146वां दशहरा समारोह Burlton Park में मनाया जा रहा है, जिसमें कई प्रमुख dignitaries जैसे विधायक रमन अरोड़ा, सांसद चारंजीत सिंह चन्नी और पूर्व विधायक मनोरणजन कालिया भाग लेंगे। इस कार्यक्रम में, देवताओं और देवी-देवियों के रूपों की भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी, जिसमें भगवान हनुमान की सेना भी शामिल होगी। जैसे ही शोभायात्रा दशहरा मैदान तक पहुंचेगी, भगवान श्री राम और रावण के बीच की लड़ाई का मंचन किया जाएगा, और 80 फुट ऊँचाई की मूर्तियों को अग्नि के हवाले किया जाएगा।
देवी तालाब का दशहरा
देवी तालाब दशहरा प्रबंध समिति का दशहरा भी 100 वर्षों पुराना है। इस वर्ष, ब्रह्मा कुंड मंदिर के परिसर में, भगवान श्री राम की महा आरती 2 बजे की जाएगी। इस कार्यक्रम में, जिला उपायुक्त हिमांशु अंगुराल, पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा और संत समुदाय के महंत बंसिदास विशेष रूप से शामिल होंगे। यहां रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद की 90 फुट ऊँची मूर्तियों को शाम 6 बजे जलाने का कार्यक्रम है।
अन्य समारोह
शहर के विभिन्न स्थानों पर दशहरा समारोह का आयोजन बड़े धूमधाम से किया जा रहा है। इनमें प्रमुख स्थान हैं:
- साईं दास स्कूल पटेल चौक का मैदान
- सरकारी प्रशिक्षण महाविद्यालय का मैदान, लाडोवाली रोड
- डोबा कॉलेज का मैदान
- मॉडल हाउस दशहरा मैदान
- रेलवे क्वार्टर रोड
- आडर्श नगर पार्क
- धन मोहल्ला मैदान
इन स्थानों पर रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद की विशाल मूर्तियों का जलाना और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा।
सुरक्षा उपाय
दशहरा समारोह में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं के लिए कुछ सुरक्षा उपायों का पालन करना आवश्यक है:
- भीड़ में जेवर और नकद न लेकर जाएं।
- छोटे बच्चों का हाथ थामें।
- बच्चों की जेब में घर का पता और मोबाइल नंबर रखें।
- किसी संदिग्ध व्यक्ति के बारे में तुरंत पुलिस को सूचित करें।
- अस्थमा के मरीजों को धुएं से बचने के लिए मास्क का उपयोग करना चाहिए।
- मूर्तियों के जलाने के दौरान लकड़ी नहीं उठाएं।
विशेष आकर्षण
इस वर्ष, जालंधर के दशहरा उत्सव में खास आकर्षण देखने को मिलेगा, जिसमें रावण के पुतले के जलाने के बाद आतिशबाजी का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। श्री राम दशहरा समिति और देवी तालाब समिति द्वारा बड़े पैमाने पर आतिशबाजी की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।
शहर में कई संगठन भी दशहरा उत्सव को बड़े धूमधाम से मनाने के लिए तैयार हैं। इस बार की खास बात यह है कि यदि आप अपने बच्चों को सनातन धर्म के किसी रूप में सजाएंगे, तो समिति द्वारा उन्हें भगवान राम के उपहार दिए जाएंगे।
समापन
दशहरा केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है। जालंधर में इस बार के आयोजनों में न केवल धार्मिक महत्व है, बल्कि यह समाज में सकारात्मक संदेश फैलाने का एक माध्यम भी है। आइए, इस दशहरे पर हम सभी मिलकर बुराई के खिलाफ अच्छाई की जीत का उत्सव मनाएं और अपने समाज को एक नई दिशा दें।